लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सूर घनाक्षरी विधान,२- हिन्दी हमारी शान 3- शिक्षक समाज का दर्पण, 4-श्रद्धेयभ

रचना की दृष्टि से वाक्य भेद

वाक्य भेद को जानोगे गर वाक्य के भेद होते हैं दो,
प्रथम है रचना की दृष्टि से अर्थ की दृष्टि से नंबर दो।

प्रथम का वर्णन करें लेखनी रचना की दृष्टि में वाक्य,
तीन भाग में बंटे हैं, ये सरल संयुक्त व मिश्रित वाक्य।

सरल वाक्य होता बड़ा ही सरल यथा नाम तथा गुण,
एक कर्ता संग एक ही क्रिया सरल वाक्य पूर्ण सगुण।

दो या दो से अधिक उपवाक्य समुच्चयबोधक से जुड़ते, समुच्चयबोधक योजक अवयव से जुड़ संयुक्त कहलाते।

जो बने एक से अधिक उप वाक्यों से पर एक हो प्रधान,
और दूजा गौण हो वे मिश्रित को भाव भर देते हैं महान।

वाक्य के अंगों का पृथक्करण और संबंधों का विश्लेषण, 
कहलाता है वाक्य विग्रह भी और वाक्य का विश्लेषण।

भाग पांचवां संश्लेषण का अर्थ है मेल मिलाप औ गूंथना, 
विश्लेषण का ठीक विपरीत संश्लेषण से सुंदरतम गढ़ना।

अगला भेद वाक्यों का रूपांतरण एक से दूजे में बदलना, 
सरल से संयुक्त मिश्रित रूपांतरण ये 'अलका' का कहना।

अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी' 
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित
@सर्वाधिकार सुरक्षित। 

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6 Comments

क्या कहने जी,,, लाजवाब लाजवाब,,,, हिन्दी पर आपकी सभी रचनाएं बेहतरीन बेहतरीन है

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Achha likha hai 💐

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Raziya bano

18-Sep-2022 10:37 PM

Nice

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